लॉकडाउन में वासना का ज्वार- 4

लॉकडाउन में वासना का ज्वार- 4

सिगरेट की इतनी नॉलेज के साथ साथ अब तक मुझे भी समझ आ रहा था कि मोनी भी मेरे पूरे कसरती जिस्म को अपनी आँखों से तोल रही थी.
कुछ भी बात अजीब न लगे इसलिए हम हंसी-ठिठोली में सारी बातों को हल्का कर दे रहे थे.

चाय के साथ जिस तरह से मोनी सिगरेट के कश पर कश ले रही थी, उससे साफ़ दिख रहा था कि दिल्ली की मॉडर्न हवा सर उसके अंदर तक बस चुकी थी.

हम दोनों ने चाय ख़त्म की और मोनी दूसरे खाली पड़े कमरे में अपना सामान ज़माने में लग गयी.
मैं भी ऑफिस में व्यस्त हो गया.

ऑफिस का काम करते हुए मैं उस दिन एक अलग ही जोन में था.
मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि अपनी एक बड़ी बहन के साथ मैं सिगरेट पीकर आ रहा हूँ.

शाम को लगभग पांच बजे मैं अपने ऑफिस रूम से उठा और मोनी के कमरे में झाँका तो पाया कि वह सो रही है. दूर से आयी है थक गयी होगी समझकर मैं मोनी को नींद में छोड़कर मार्केट चला गया.

मैंने अंग्रेजी शराब के ठेके से एक पेटी स्ट्रांग बियर कैन की खरीदी, साथ में व्हिस्की, वोडका और रेड वाइन की भी बोतलें खरीदीं, कुछ और खरीददारी करी.
कुछ देर के लिए देवेश के फ्लैट गया, गप्पबाज़ी करी.

वापस आते आते साढ़े आठ बज गए.

आया तो देखा कि मोनी किचन में डिनर बनाने की तैयारी कर रही है.

मैंने शराब की बोतलें लिविंग रूम की एक अलमारी में रख दीं; बियर की पेटी लेकर किचन में गया और फ्रिज में सजा दीं.

रात्रि 10 बजे हमने भोजन किया.

भोजन के पश्चात बियर का एक-एक कैन पीते हुए हमने गप्पें मारी, साथ में सिगरेट के कश लगाए.

मोनी ने शॉर्ट्स और टॉप पहन रखा था.

अब तक हम दोनों के बीच पूर्ण रूप से सहजता आ चुकी थी.
हमारी भाषा में भी वह सहजता आ चुकी थी, दिल्ली की रेगुलर छोटी मोटी गालियां भी हमारी बातचीत का हिस्सा बन गयी थी.
हर बीतते पल के साथ हम और ज़्यादा दोस्ताना होते जा रहे थे.

और मित्रो, सच कहूं तो मोनी जैसी बड़ी बहन के साथ बियर पीने का मज़ा ही कुछ था.

बियर के सुरूर में हम गप्पें मार ही रहे थे, तब तक मैंने फ़ोन पर ख़बर देखी.

प्रधानमंत्री ने बाइस मार्च, रविवार को पूरे दिन के लिए ‘जनता कर्फ्यू’ की घोषणा कर दी थी.
साथ में ‘ताली बजाओ-थाली बजाओ’ के मीम भी आ रहे थे.

मैंने मोनी को भी वह खबर दिखाई और फिर हम दोनों ने कुछ प्लानिंग करी.

अगले दिन मैंने अखिल की कार निकाली और हम दोनों ने जाकर 3-4 महीने का राशन, किचन का सामान, आवश्यक दवाएं और फ्लैट के लिए अन्य आवश्यक सामान स्टॉक कर लिया.
शराब और बियर की पेटियां, और साथ में सिगरेट के 2-3 बड़े क्रैट का भी स्टॉक ले लिया.

यह आईडिया मेरा था, यह सोचकर कि सामान महंगा न हो और कालाबाज़ारी न होने लगे, इससे पहले स्टॉक कर लेते हैं.
लेकिन जो होने वाला था वह तो मैंने दूर दूर तक न सोचा था.

बाइस तारीख को ‘जनता कर्फ्यू’ लगा, और बहुत हद तक पूरा देश थम गया.

अगले दिन, तेइस मार्च, सोमवार को शाम पाँच बजे खबर आयी कि प्रधानमंत्री रात आठ बजे एक महत्वपूर्ण घोषणा करने वाले हैं.

और ठीक रात आठ बजे, प्रधानमंत्री ने पूरे भारत में इक्कीस दिन का सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा करी.
साथ में सभी प्रदेशों की सीमाएं भी सील होनी थी और आवागमन को कम से कम करना था ताकि कोरोना वायरस का फैलाव कम करने का प्रयास किया जा सके.

प्रचुर संख्या में पुलिस भी जगह जगह तैनात कर दी गयी.
लोगों को सख्ती से लॉकडाउन का पालन करने के निर्देश दिए.

लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाएं ही चालू थीं, खान-पान की सामग्री, दवाइयाँ, दूध,फल, सब्ज़ी इत्यादि.

हम खबर देख रहे थे मेरे फ्लैट पर टीवी स्क्रीन के सामने!
मेरे और मोनी के साथ देवेश और सुमित भी मौजूद थे.

मोनी का मेरे दोनों मित्रों से परिचय उसी शाम को पहली बार हुआ.
उन दोनों ने भी मोनी को बड़ी बहन का सम्मान देते हुए दीदी कहकर ही सम्बोधित किया.

खबर देखने के पश्चात दोनों फटाफट भागे कि जल्दी से कुछ आवश्यकता की चीज़ें जाकर स्टॉक कर ली जायें.

मेरे दोस्तों के जाते ही मोनी ने फिर से टीवी पर चल रही न्यूज़ को देखा और उसके मुँह से निकला- फ़क बहनचोद!! क्या बाल बाल बची मैं!!
मैं बोला- दीदी, कितनों के तो लौड़े लग गए होंगे इस वक़्त!
“सच में यार नीलू … मेरी तो गांड फट गई ये न्यूज़ सुनकर!! थैंक गॉड मैं कानपुर नहीं गई यार!”

“आप सही टाइम पर आ गयी दीदी … इस टाइम अगर आप दिल्ली में होतीं तो यहाँ गुरुग्राम पहुंचना भी नामुमकिन होता. स्टेट बॉर्डर ही बंद हो रहा!!” मैंने सामने से कहा.

“नीलू, थैंक्स मेरे भाई, तूने एकदम सही टाइम पर प्लान बना कर सब सामान भी स्टॉक कर लिया. तू टेंशन मत ले अब किसी और चीज़ की. तू अपने ऑफिस पर फोकस कर, फ्लैट मेन्टेन करने, खाने पीने की पूरी ज़िम्मेदारी मेरी … वैसे भी कोई किराया तो दे नहीं रही मैं तुझे!”

“अरे यार मोनी दी, रिलैक्स ना … इतना फॉर्मेलिटी क्यों? भाई बहन के बीच सब चलता है!”
सुनकर मोनी ने मुझे एक स्माइल दी.

हमने डिनर किया, सुट्टा मारा और सो गए.