यह कहकर मैंने उनके एक स्तन को एक हाथ में … और दूसरे स्तन को अपने दांतों में पकड़ लिया.
मुँह में भरे हुए उनके दूध के निप्पल को मैंने चूसना शुरू कर दिया.
उन्हें फिर से गर्म होने में ज्यादा समय नहीं लगा.
मैं अभी उन्हें और अच्छे से तड़पता देखना चाहता था इसलिए मैं उनके शरीर को चूमता और चूसता रहा.
कुछ समय बाद जब वे और अधिक गर्म हो गईं तो बड़बड़ाने लगीं- आह आरव, प्लीज अब डाल दे अपने मोटे लंड को मेरी चूत में आह फाड़ दे मेरी चूत को आह!
लेकिन मैं अभी उन्हें और तड़पाने के मूड में था.
मैंने लंड की जगह अपनी दो उंगलियों को उनकी चूत में इकट्ठी डाल दीं और अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मेरी इस हरकत से मामी पागल होती जा रही थीं.
उन्होंने गाली बकना शुरू कर दिया- साले, अब अपना लंड मेरी चूत के अन्दर डाल न मादरचोद … अब मुझे और ना तड़पा कुत्ते!
मैं- ऐसे कैसे साली रंडी … अभी तो बहुत कुछ बाकी है … इसे बीच में नहीं छोड़ा जा सकता.
मामी- बहन के लौड़े, तू जानबूझ कर ऐसा कर रहा है न …मत तरसा मुझे कमीने … अच्छा नहीं होगा.
यह कहती हुई वे मेरे बाल खींचने लगीं.
मैं- आज जो भी करना हो, कर लेना जान … लेकिन मैं तो तेरी जैसी माल को ऐसे ही चोदूंगा.
यह कहते हुए मैं खड़ा हो गया और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.
मैंने अपने लंड को वापस मामी के मुँह के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
वे भी लंड को चूसने लगीं.
मैं भी बहुत जोर जोर से मामी का मुँह चोदने लगा.
जल्दी ही मामी की आंखों में आंसू आ गए और वे मेरे लंड को अपने मुँह से निकालने के लिए भीख माँगने लगीं.
जैसे ही मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला, वे मुझे अपनी ओर खींचती हुई आईं और मुझे अपने ऊपर ले लिया.
उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के पास रख दिया और कहा- प्लीज, मुझे चोदना शुरू करो.
मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अन्दर धकेलने की कोशिश की लेकिन यह बहुत तंग छेद था.
मैंने उनकी ओर देखा.
उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ उंगलियों से ही काम हुआ है … लंड तो पहली बार अन्दर जा रहा है.
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और पुनः प्रयास किया.
शुरुआत में तो सिर्फ आधा लंड ही उनकी चूत में प्रवेश कर पाया और अधिक कोशिश करने के बाद मेरा पूरा लंड मामी की चूत में घुस गया.
अब ज्यादा कोशिश करने पर मेरा पूरा लंड उनकी चूत को फाड़ने लगा था.
अचानक से हमला हुआ था तो मामी बहुत जोर से चिल्लाईं.
मुझे डर लगा कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हो गया.
मैंने झट से अपना लंड बाहर निकाल लिया.
उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर अपने दर्द को सहन करते हुए कहा- इसे अन्दर रखो प्लीज … इसे बाहर मत निकालो.
मैंने फिर से धक्का दे दिया.
जब वे कुछ सामान्य हो गईं, तो मैंने उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
मैंने उन्हें 15 मिनट तक धकापेल चोदा, जिसमें उन्होंने अपना पानी पहले ही निकाल दिया था.
मैंने भी अपने लंड का पानी उनकी चूत में ही निकाल दिया.
कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लिए बिना कुछ बोले ऐसे ही नंगे लेटे रहे.
फिर मैंने चुप्पी तोड़ी और मामी से पूछा- कैसा लगा?
मामी- सही मायने में तो मैं आज पहली बार चुदी हूँ. आज ही मेरी पहली सुहागरात हुई है. तुझे क्या लगता है बाथरूम का दरवाजा गलती से खुला रह गया था क्या?
मैं- इसका मतलब है मामी कि मैं इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ हूं!
मामी- सबसे पहले मुझे मामी कहना बंद करो. आज से मैं तुम्हारी कीर्ति हूँ. अब तुम मेरे असली पति हो. मैंने आज से तुम्हें अपने सारे अधिकार दे दिए हैं.
मैं- कीर्ति, मैं उत्सुकता से आपकी फैंटेसी के बारे में जानना चाहता हूं. प्लीज मुझे बताओ ताकि मैं उन सभी को पूरा करने की योजना बना सकूं.
इसके बाद मेरी मामी ने मुझे अपनी कल्पनाएं बताईं और हम दोनों एक-एक करके उन सभी को पूरा करने लगे.
वे कल्पनाएं क्या थीं और हम दोनों ने उन्हें कैसे पूरा किया था, यह मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा.
कृपया मुझे बताएं कि मेरे जीवन की वास्तविक सेक्स कहानी आपको कैसी लगी.