सेक्सी मामी की वासना को मैंने पहले ही जान लिया था क्योंकि मेरे मामा दुबले पतले से हैं और मामी किसी हूर से कम नहीं है. मामी को पटाने के चक्कर में मैं अक्सर उनके घर जाने लगा.
नमस्ते चुदासी भाभी और सेक्सी लड़कियो,
मैं आरव इंदौर से आपके लिए एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर आया हूं.
यह घटना मेरी और मेरी मामी के बीच में घटी थी.
सबसे पहले तो आपको कहानी की नायिका यानि अपनी मामी के बारे में बता देता हूं.
मेरी मामी जी एक हुस्न की मलिका हैं.
उनका नाम कीर्ति (बदला हुआ नाम) है.
मामी की फिगर 34-30-36 की है और उनका रंग एकदम साफ है.
कुल मिलाकर मामी जी किसी परी से कम नहीं लगती हैं.
मेरा तो उसी दिन से उनके ऊपर दिल आ गया था जब से वह शादी के बाद घर आई थीं.
अब रही मेरी बात, तो मैं एक लंबा चौड़ा जवान पट्ठा हूँ.
मेरा जिस्म एकदम कड़ियल है. मैं रोजाना कसरत करने जिम में जाता हूं.
लड़कियों की खास ख्वाहिश होती है कि वे किसी भी लड़के के लंड के बारे में जाने कि लड़के का लंड कैसा है.
तो मेरी प्यारी प्यारी पाठिकाओ … मेरा लौड़ा 6 इंच लम्बा और काफी मोटा है.
यह अक्सर आप जैसी हॉट लड़कियों की चूत और गांड में आता जाता रहता है.
मेरा दिल बार बार अपनी हॉट मामी को देखने का और उनसे मिलने का करता था.
इसी कारण से मैं कभी कभी उनसे मिलने चला जाता था.
जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था, तो सच कह रहा हूँ कि मुझे अपने मामा जी से बहुत जलन हुई थी कि ये अप्सरा इनके पास क्या कर रही है.
मेरे मामा एकदम सूखे से टुम्बक-टू सरीखे आइटम हैं और मामी जी इतनी हॉट … न जाने क्या होता होगा!
रात में तो मामी जी ने अपनी जवानी की आग से मामा को फूँक कर रख दिया होगा.
एक सुबह मैं उनके घर गया.
उस वक्त मामी जी ने दरवाजा खोला.
वे शायद अभी नहा कर आई थीं.
उनके बदन से काफी मस्त खुशबू आ रही थी.
साथ ही उनके गीले बाल उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे.
मैं उन्हें देखते ही अपनी सुधबुध खो बैठा.
उसी वक्त मामी ने मुझे आवाज लगाई- यहीं खड़े खड़े पूरा निहार लोगे या अन्दर भी चलोगे?
उनकी आवाज सुनते ही मैं होश में आया और अन्दर आ गया.
उस वक्त मामा जी नाश्ता कर रहे थे.
मैं उनसे जाकर मिला.
तब तक मामी मेरे लिए भी नाश्ता ले आईं.
मामा जी को जल्दी कहीं निकलना था, तो वे मुझसे कहते हुए चले गए- मुझे जरा निकलना है. तुम अपनी मामी के साथ बैठ कर नाश्ता करो.
उनके जाने के बाद घर पर मैं और मामी जी ही अकेले रह गए थे.
तब मामी भी अपना नाश्ता ले आईं और मेरे सामने बैठ गईं.
हम दोनों ने नाश्ता करते हुए बात करना शुरू की.
मामी- आज हमारी याद कैसे आ गई तुझे?
मैं- अरे वैसे ही मामी जी, मैं घर पर बोर हो रहा था तो सोचा आज आपसे मिल कर थोड़ी बातें कर लूँगा.
मामी- अच्छा जी, तो अब तुम यहां टाइम पास करने आए हो!
मैं- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है. कुछ और भी वजह है … जिस कारण से मैं यहां आया हूं.
मामी- और वह वजह क्या है?
मैं चुप रहा और उन्हें देखने लगा.
मामी जी ने मेरे मुँह में जबान देने की कोशिश करते हुए कहा- क्या मैं वह वजह हूँ?
मैंने भी उन्हें निहारते हुए मादक भाव से कहा- वह सब सही समय पर बताऊंगा, अभी नहीं!
मामी ने इठला कर कहा- ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी.
मैंने जल्दबाजी करना उचित नहीं समझा कि कहीं इस चक्कर में मेरा यह आना ही बंद ना हो जाए.
फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही बातें करते रहे और मैं अपने घर वापस आ गया.
दो दिन बाद मैं वापस मामा के घर गया.
उस दिन मैं जानबूझ कर देर से गया था ताकि मामा ऑफिस चले जाएं और मामी अकेली रह जाएं.
कुछ देर तक दस्तक देने के बाद जब मामी दरवाज़ा खोलने आईं.
उस समय वह नहाने जा रही थीं.
उन्होंने मुझे देखा और बैठने के लिए कहा.
मैं बैठ गया तो वे बोलीं- मैं स्नान करने जा रही थी. बस अभी आती हूँ. फिर साथ में नाश्ता करेंगे.
यह कह कर मामी जी ने मुझसे कुछ देर प्रतीक्षा करने के लिए कहा.
जब वे बाथरूम में गईं तो मैं खुद को रोक ही नहीं पाया.
मेरा मन किसी तरह से उनके नंगे शरीर को देखने के लिए मचल उठा था.
जब कुछ देर बाद बाथरूम में से पानी गिरने की आवाज आने लगी तो मैं उनके कमरे में चला गया.
उधर मैंने पाया कि मामी जी ने अपने कमरे के बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुला रखा था.
मैं दरवाजे के पास गया और बाथरूम के अन्दर देखने लगा.
अन्दर मामी जी विपरीत दिशा में मुँह करके स्नान कर रही थीं.
यह पहली बार था जब मैंने उन्हें नग्न देखा था.
मेरा लंड सख्त और सख्त होता जा रहा था.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनकी गांड को देखते हुए हस्तमैथुन करना शुरू कर दिया.
मैं बाथरूम के अन्दर जाना चाहता था और उन्हें उसी समय चोदना चाहता था.
लेकिन यह अभी संभव नहीं था.
अचानक से वे दरवाजे की ओर घूम गईं और मुझे उनकी चूचियों और चूत के दीदार हो गए.
मैं समझ गया कि अब मामी बाहर आने वाली हैं तो मैं वहां से बाहर चला आया.
मुझे न जाने ऐसा लगा कि उन्होंने मुझे देख लिया था.
बाहर आकर मैं सोफे पर बैठ गया और सोच ही रहा था कि अब क्या होगा.
अगर उन्होंने यह सब कुछ मामा जी को बता दिया कि मैं उन्हें नहाती हुई देख रहा था तो मेरी तो भद्द पिट जाएगी.
कुछ देर बाद मामी जी वापस ड्राइंग रूम में आईं और उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं चाय या कोल्ड ड्रिंक क्या लूँगा?
मैं उनके इस व्यवहार से स्तब्ध था.
मैंने सोचा था कि उन्होंने मुझे देख लिया था तो वे कुछ कहेंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
अब मैं शांत हो गया.
मेरे मन में तरह तरह के विचार चलने लगे कि हो न हो मामी के मन में मेरे लिए कुछ है.
फिर मैं सोचने लगा कि कैसे मैं उन्हें बहका कर अपने जाल में फंसा लूँ और अपने बड़े से लंड से चोद दूं.
अचानक से मुझे एक विचार आया कि मामी के साथ कुछ सेक्सी बात आदि के जरिए प्रयास किया जाए.
मैं देखना चाहता था कि मेरी बातों का वह किस प्रकार से जवाब देती हैं.
कुछ देर के बाद मामी जी एक चुस्त सफेद लैगिंग्स और काली कुर्ती पहन कर आईं.
उनके हाथ में चाय के कप वाली ट्रे थी.
उस वक्त मामी के बदन से इतनी अच्छी महक आ रही थी कि मैं उनकी महक में बेहोश होता जा रहा था.
मैंने खुद को संभाला और उनके हाथ से चाय ले ली.
वे मेरे पास में ही बैठ गईं और हम दोनों बातें करने लगे.
मामी- तुम भी आज टाइम पास करने आए हो न!
ऐसा कहती हुई वे मुस्कुरा रही थीं.