आज फिर से लेकर आई हूँ एक सच्ची कहानी!
इस पोर्न पापा Xxx कहानी में मैंने पापा को पड़ोस वाली बुआ को चोदते देखा तो खुद भी अपनी सील तुड़वाई.
जब मैंने पापा को मॉम को चोदते हुए देखा था तो यह नजारा देख कर मेरा भी बहुत दिल किया अपनी चूत चुदवाने का!
लेकिन मैं क्या कर सकती थी.
पर आज मेरे भाग्य में शायद चुदाई लिखी थी.
पापा को मैंने फोन पर कहते सुना था कि आज रात तैयार रहना, जमकर मजे लेंगे.
मैं समझ गयी कि पापा आज किसी को चोदने वाले हैं क्यूंकि मम्मी घर पर नहीं थी, वे पड़ोस वाली आंटी का बेबी हुआ था तो वे उनके साथ होस्पिटल में ही रुकने वाली थी.
तो मैंने भी सोच लिया आज पापा का लंड किसी नई चूत के अंदर घुसते देखूंगी.
अब मैं इंतजार करने लगी.
रात हुई, मैंने अपने छोटे भैया के संग भोजन किया और हम अपने अपने कमरे में सोने के लिए चले गए.
मेरा भैया तो सो गया लेकिन मेरी आँखों से नींद कोसों दूर थी.
साढ़े दस से ऊपर का वक्त हो चला था.
पापा दरवाजा खोल कर बाहर जा रहे थे.
तो मैं भी उनके पीछे पीछे चली गयी.
अँधेरा होने के कारण पापा मुझे अपने पीछे आते नहीं देख पाए.
पापा आरती बुआ के घर पर गये तो बुआ ने दरवाजा खोला.
आरती हमारे पड़ोस में रहती थी, मैं उसे बुआ कहती थी.
पता नहीं पापा के नसीब में ऐसा माल कैसे था … क्या मस्त थी वो बुआ 23 साल की अभी शादी नहीं हुई थी.
पापा ने कैसे पटाया पता ही नहीं!
आरती बुआ पापा को रूम में ले गयी तो मैं भी उसके पीछे ही चली गई और दरवाज़े के छेद से झाँकने लगी.
पापा उसे अपनी बांहों में लेकर उसका चुम्बन करने लगे.
आरती बुआ ने उस वक्त बेबी डॉल जालीदार नाइटी पहनी हुई थी.
बुआ की बड़ी बड़ी चूची साफ़ दिख रही थी; वे बहुत सेक्सी माल लग रहीं थीं.
अगर मैं लड़का होता तो मैं खुद अपनी बुआ को चोद लेती.
नाइटी के गले में से आरती बुआ की चूचियां बाहर निकलने के लिए मचल रही थी.
चिकनी, गोरी और बड़ी बड़ी चूचियां … क्या बदन था … ऐसे बदन को कौन नहीं चोदना चाहेगा.
मेरी तो इतनी बड़ी बड़ी थी ही नहीं.
कुछ देर तक वे दोनों ऐसे ही एक दूसरे को चूमते-चाटते रहे.
फिर कुछ देर के बाद पापा ने खड़े हुए ही आरती बुआ की नाइटी ऊपर उठाई और उनकी बालों वाली चूत को सहलाने लगे.
आरती बुआ मदहोश होकर आहें भर रही थी और पापा के फड़फड़ाते लंड को अपना हाथ नीचे ले जाकर सहलाने लगी.
मैं भी काफी उत्तेजित हो रही थी, मेरा दिल करने लगा कि मैं भी अंदर जाकर अपने पापा लंड को हाथ में लेकर मुंह में चूसूं और अपनी टाईट चूत में डाल के अपनी सील तुड़वाऊं.
मैंने सोचा कि थोड़ा और मजे लेती हूँ.
आरती बुआ और पापा ऐसे ही एक दूसरे को चूमते चाटते रहे; उन्हें भनक भी नहीं थी कि मैं भी उन दोनों की मस्त चुदाई का सीन देख रही हूं.
मेरी बुर अनचुदी थी, इसने अभी तक एक भी लंड का टेस्ट नहीं लिया था.
इतनी ही देर में मेरे पापा ने आरती बुआ को पूरी नंगी कर दिया.
हे भगवान … क्या गदराया बदन था आरती बुआ का!
किसी बुड्ढे का लंड भी खड़ा हो जाये.
36-32-38 ऐसा जिस्म हर किसी को नहीं मिलता … इसीलिए तो गाँव में हर कोई आरती बुआ पर बुरी नज़र लगाये रखता था.
मैं और मेरी माँ उनके आगे कुछ भी नहीं थी!
वे किसी बॉलीवुड हीरोइन से बिलकुल कम नहीं थी.
पापा नीचे बैठकर आरती बुआ की गर्म चूत को चाटने लगे.
यह दृश्य बहुत सेक्सी था; आरती बुआ खड़ी थी और पापा उन की चूत को नीचे बैठ कर चाट रहे थे.
बुआ अपनी चूचियां अपने आप दबा रही थी और आहें भरती जा रही थी.
बहुत मस्ताना और सेक्सी नजारा था.
मैं कुछ ज्यादा उत्तेजित होने लगी, मैं अपनी उंगली कभी अपनी चूत में और कभी अपने मुख में देने लगी.
ऐसा महसूस होने लगा कि पापा अपना लंड कभी मेरे मुख में तो कभी मेरी चूत में पेल रहे हैं.
उधर आरती बुआ भी काफी गर्म हो रही थी.
उन्होंने कहा- यार यश, अब रहा नहीं जा रहा … बस अब तो लंड डाल के मेरी चूत को फाड़ दे और मेरी मचलती चूत लंड से ठण्डी कर दे!
यश ने जवाब दिया- पहले मेरे लंड को चूसने का मजा तो ले मेरी डार्लिंग!
आरती बुआ पापा की पैन्ट खोल कर उसके लम्बे, मोटे लंड को हाथ से सहलाने लगी, कुछ देर तक सहलाने के बाद मुख में लेकर चूसने लगी.
पापा का बड़ा लंड पूरा आरती बुआ के मुंह में जा नहीं रहा था, आरती बुआ उसे बड़ी कठिनाई से चूस रही थी.
मुझ से रहा ही नहीं गया, मैंने अपने लोअर के अन्दर हाथ डाल कर चूत में उंगली घुसाई तो देखा कि मेरी फुदी काफी गीली हो गई थी.
अपनी कामुकता मिटाने के लिए मैं क्या करूँ, मुझे कुछ समझ नहीं आया.
अपनी चूत में लंड लेने का बहुत दिल कर रहा था.
फिर भी मैंने सोचा कि आगे देखती हूँ.
क्यूंकि गर्म तो मैं बहुत हो चुकी थी.
उधर आरती बुआ पापा का लंड लोली पॉप की तरह चूस रही थी.
एक बात तो थी … आरती बुआ मम्मी से भी ज्यादा मस्त पापा का लंड चूस रही थी.
पापा बड़े मदहोश हुए जा रहे थे.
आरती बुआ एक छिनाल की तरह पापा का मस्त लंड चूस रही थी.
मुझे बहुत जलन होने लगी कि मेरी किस्मत में ऐसा लंड क्यूँ नहीं!
इतने में मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैंने मोबाइल से उनकी दो मिनट की विडियो बना ली ताकि पापा को दिखा कर उनका लंड ले सकूँ.
पर अभी नहीं … आज तो मैं उन्हें देख कर मजा लेने वाली थी.
अब पापा ने आरती बुआ को नीचे लिटा दिया और अपना लंड उनके मुंह की तरह और खुद का मुंह उनकी चूत की तरफ … वाह क्या नज़ारा था.
अब पापा आरती बुआ की चूत चाटने लग गये और आरती बुआ पापा का लंड चूसने लगी.
बड़ी ही मस्त पोजीशन थी.
काफी देर तक दोनों ऐसे ही एक दूसरे का चूसते रहे.
इस बीच मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया.
ऐसे मस्त माहोल में मुझे याद ही नहीं रहा कि यहाँ आरती बुआ के घर में उनका छोटा भाई भी है जिसकी उम्र 21 साल है और उसका नाम पंकज है.
मैं जल्दी से पंकज के रूम गयी.
वह मोबाइल पर लगा पड़ा था.
अचानक मुझे देख कर वह चौंक गया और कहने लगा- सुमी तुम यहाँ?
मैंने कहा- हाँ और बाहर आ … तुझे कुछ दिखाना है.
मैं पंकज को बाहर लेकर आयी और उसे खिड़की से अंदर झाँकने को कहा.
उसने अंदर झाँका और कहा- क्या ये दिखाने लाई हो? ये तो मैं कई बार देख चुका हूँ. आरती दीदी तुम्हारे पापा से अकसर चुदती हैं, कई बार देख चुका हूँ.
मुझे लगा था कि वह चौंक जाएगा.
पर उसकी बात सुनकर मैं चौंक गयी.
उस समय आरती बुआ पापा का मोटा लंड चूस रही थी.
मेरी नज़रें वहाँ से हट नहीं रही थी.
मैंने पंकज को कहा- देखते रहो … देखते हैं क्या क्या करते हैं आगे!
आरती बुआ पापा का लंड लोलीपोप की तरह चूसे जा रही थी.
मैं भी मदहोश होने लगी.
अब पापा ने आरती बुआ को सीधा किया और कहा- मेरी जान, टाँगें तो फैला!
आरती बुआ ने टाँगें फैला दी.
और पापा अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया.
पापा ने उनको पहले भी कई बार चोदा होगा जिससे उनकी चूत खुल गयी होगी.
धीरे धीरे पापा ने धक्के मारने शुरू किया … उनकी मदहोश और सेक्सी आवाज हमें साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी.
आरती बुआ- आह आह्ह ह्ह ओह मेरे राजा … चोद मेरी जान चोद … तेरे लंड के बिना रहा नहीं जाता!
मेरी धड़कने बढ़ती जा रही थी.
शायद पंकज को भी मजा आने लग गया था.
उसने पता नहीं कब मेरी चूची दबाना शुरू कर दिया मुझे पता ही नहीं चला.
मैं एक तो सामने लाइव चुदाई देख रही थी, ऊपर से पहली बार कोई मेरी चूची दबा रहा था … आह क्या मस्त लग रहा था!
जब पंकज ने मेरी टीशर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी नंगी चूची दबाई तब अहसास हुआ मुझे कि पंकज मेरी चूची दबा रहा है.
मैं भी चुप रही और उसे करने दिया.
कुछ देर तक वह मेरी कुंवारी चूची यूँ ही दबाता रहा.
उधर पापा आरती बुआ की चूत में जोरदार धक्के मारे जा रहे थे.
कुछ देर बाद Xxx पापा की धक्कों की स्पीड और बढ़ गयी.
पापा के हर धक्के से आरती बुआ की सिसकारी निकल रही थी- आहह उम्म्ह … अहह … हय … याह … ओह … चोदो और जोर से चोदो यश … आहह हहह!
इस तरह आरती बुआ लगातार सिसकारियां ले रही थी.
पापा भी किसी माहिर खिलाड़ी की तरह अपनी आरती की चूत चोदे जा रहे थे.
मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और भूल गयी थी कि पंकज मेरी चूची दबा रहा है.
पंकज ने मेरी मुंडी पीछे की और मेरे ओंठ चूसने लगा.
मैं भी कुछ ना बोली और उसके ओंठ चूसने लगी.
मेरे कुंवारे ओंठ पहली बार कोई चूस रहा था.
उधर पापा और आरती बुआ की जोरदार चुदाई चल रही थी.
आरती बुआ सिसकारियां लेने लगी और पापा से कहने लगी- यश, चोदो ना आज अपनी आरती रांड को … चोद-चोद के आज मेरी चूत फाड़ दो … मुझे अपने बड़े बॉयफ्रेंड के लंड से चुदने में कितना मजा आ रहा है! आह हह!
इधर पंकज ने कब अपना हाथ मेरी लोवर के अंदर डाल दिया, पता ही नहीं चला.
अब वह मेरी बालों वाली चूत सहला रहा था.
आह ह्ह … कितना आनन्द मिल रहा था पहली बार अपनी बालों वाली चूत पर किसी का हाथ फिरते हुए महसूस करके!
अब पंकज ने धीरे से अपनी एक उंगली मेरी चूत के अंदर डाल दी.
मुझे हल्का सा दर्द महसूस हुआ … पर अगले पल मुझे मजा आने लगा.
अब पंकज अपनी एक उंगली मेरी चूत में अंदर बाहर करने लग गया.
उधर पापा अपना मोटा लंड आरती बुआ की चूत में अंदर बाहर कर रहे थे.
आह्ह्ह … कितना आनन्द आ रहा था … मैं बयां नहीं कर सकती.
मैं भी अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी … आरती बुआ की तरह अब मुझे लंड चाहिए था.
मैंने भी अब अपना हाथ पंकज के हाफ पैंट के अंदर डाल कर उसका लंड पकड़ लिया.
उसका लंड वर्जिन होने के कारण बहुत मुलायम था और फिसलन भी थी.
उधर पापा ने अपना लंड बाहर निकाल कर सीधा आरती बुआ के मुंह में दे दिया.
अब आरती बुआ पापा का गीले लंड को लोलीपोप के तरह चूस रही थी.
बड़े ही मजे से वे पापा का लंड चूस रही थी.
अब मेरा भी जी करने लग गया … तो मैंने भी कुछ नहीं देखा और पंकज का लंड सीधे मुंह में ले लिया.
छीः … कितना गन्दा और अजीब लग रहा था!
तो मैंने लंड बाहर निकाल दिया.
इतने में पंकज ने मेरे बाल पकड़े और अपना लंड फिर से मेरे मुंह में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा.
अब की बार मुझे भी लंड की गंदगी अच्छी लगने लग गयी थी क्यूंकि मैं बहुत गर्म हो चुकी थी अब!
उधर पापा ने कहा- आरती, मैं झड़ने वाला हूँ!
तो आरती बुआ ने कहा- मेरे मुंह में ही झड़ना!
इतने में पापा ने अपना लंड का सारा माल आरती बुआ के मुंह में डाल दिया.
बुआ ने भी लंड चाटा और पूरा साफ़ कर दिया.
कुछ देर पंकज का गन्दा लंड चूसने के बाद वह भी झड़ गया मेरे मुंह में ही.
छीः … कितना गन्दा लग रहा था किसी का लंड पहली बार चाटना!
पंकज का पहली बार था तो जल्दी झड़ गया.
पर मैं अभी भी गर्म थी.
उधर देखा तो आरती बुआ पापा का लंड तब से चूसे और चाटे जा रही थी.
पोर्न पापा के लंड का माल झड़ने के बाद भी लंड मुरझा नहीं रहा था.
अब पंकज अपने रूम में जाने लगा तो मैंने उसे कुछ देर वहीं रोक लिया … थोड़ी देर बातें की!
दोस्तो, इस पोर्न पापा Xxx कहानी में इतना ही!
अगली कहानी बहुत जल्द लाने वाली हूँ जिसमें उस रात मैंने अपनी सील तुड़वाई.
अब मेरी कुंवारी बुर की सील किसने तोड़ी?
अगली कहानी में जरूर पढ़ना.