मस्त कामुक छोरियों की टोली – 1

मस्त कामुक छोरियों की टोली – 1

दोस्तो, मेरा नाम ए है, यानि कि आकांक्षा। आज मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूँ। अपनी और अपनी कुछ सहेलियों की।

वैसे तो ये कहानी मैंने इंगलिश में लिखी थी, मगर बाद में मैंने सोचा कि इंगलिश में बहुत कम लोगों को ये कहानी पढ़ने को मिलेगी, तो मैंने ये कहानी किसी से हिन्दी में लिखवाई है।
किस से लिखवाई है, अगर आप उनकी लिखी कहानियाँ पहले भी पढ़ते रहते हैं, तो उनकी लेखन शैली से ही पहचान जाएंगे के मैंने ये कहानी किसको लिखने को कहा था।

खैर मैं अपनी कहानी शुरू करती हूँ।

मेरा असली नाम तो आकांक्षा है, मगर मेरी क्लास में सब मुझे आएशा कहते हैं। क्योंकि मेरी उम्र से मेरे मम्मे ज़्यादा बड़े हैं।

दरअसल क्लास में हम 6 सहेलियों की दोस्ती हुई। दोस्ती ऐसे हुई कि हम सब के नाम अंगरेजी की अल्फ़ाबेट के हिसाब से थे। जैसे आकांक्षा, बिंदिया, चाँदनी, दिव्य, एशा और फिज़ा, यानि के ए, बी, सी, डी, ई, एफ।

वैसे तो एक दो और लड़कियों ने हमारे ग्रुप में घुसने की कोशिश करी थी मगर हमने उन्हें बाहर ही रखा क्योंकि वो हमारी अल्फ़ाबेट में फिट नहीं बैठती थी। और वैसे भी हम एक दूसरी को उनके नाम के पहले वर्ड से बुलाते थे- अरे सी सुन! ओए एफ किधर जा रही है? चलो डी के घर चलते हैं।

स्कूल में, घर में हर जगह हमारा गैंग एक साथ ही रहता था।

एक दिन मैं और डी उसके घर बैठी उसके बड़े भाई के कंप्यूटर पर अपने नोट्स वगैरा बना रही थी और इंटरनेट भी यूज़ कर रही थी। तभी वहाँ पर न जाने कहाँ से एक सेक्सी साइट की ऐड आई। हम दोनों पहले तो डर गई कि ये क्या खुल गया।

मगर फिर मैंने कहा- सुन डी, कहीं ऐसा तो नहीं कि तेरे भैया ये सब देखते हों?
वो बोली- पता नहीं ए, हो सकता है।
मैंने कहा- तो खोल कर देखें इस लिंक को?
वो बोली- पहले दरवाजा बंद करके आ।

मैंने उठ कर दरवाजा बंद किया और फिर हमने डरते डरते उस लिंक पर क्लिक किया। अगले ही पल हमारे सामने एक वैबसाइट खुल गई, हम उसमें आगे आगे और क्लिक करते रहे और हमारे आगे और भी लिंक्स खुलते गए।

हमने बहुत सी वीडियोज़ देखी। लड़का लड़की की, आदमी औरत की, बूढ़े की जवान लड़की के साथ। काले की गोरी के साथ। कुछ इंडियन वीडियोज़ भी देखी।
सच में पॉर्न देख कर हम तो शर्म से पानी पानी हो गई. मगर इतना भी ज़रूर है कि हम दोनों की फुद्दियाँ भी पानी पानी हो रही थी।

डी ने मुझसे पूछा भी- ए क्या तुम्हारी पेंटी गीली हो गई है?
मैंने कहा- हाँ यार, बहुत गीली हो गई है।
डी बोली- क्या दिल कर रहा है तुम्हारा?
मैंने कहा- दिल तो कर रहा है कि ऐसा ही एक लड़का हो, जिसके साथ मैं ये सब कुछ कर सकूँ।

डी बोली- पागल है क्या? उसका देखा कितना बड़ा है, तेरे अंदर घुसा तो तेरी तो जान ही निकाल देगा।
मैंने कहा- अगर इतना मज़ा मुझे मिले, जितना इस लड़की को मिल रहा है, तो मैं तो मर भी जाऊँ।

डी ने फिर किसी और लिंक पर क्लिक किया, यहाँ पर हमने देखा कि दो लड़कियां आपस में एक दूसरे को प्यार कर रही थी। पहले वो एक दूसरी के होंठ चूसती रही, फिर कपड़े उतार कर नंगी हो गई.

और फिर दोनों ने एक दूसरी के मम्मे चूसे, एक दूसरी फुद्दी चाटी, सिर्फ इतना ही नहीं, एक दूसरी की फुद्दी में उंगली भी डाली। दोनों लड़कियां बहुत तड़पी, बहुत उछली और उन दोनों की फुद्दी से बहुत सारा पानी निकला।

डी बोली- ए, क्या तू ये भी कर सकती है?
मैंने कहा- तू करेगी मेरे साथ?
हमने एक दूसरी की तरफ देखा और फिर दोनों के होंठ एक दूसरी से जुड़ गए।

मैं डी के होंठ चूसने लगी और वो मेरे होंठों को चूसने लगी। हमने एक दूसरी के मम्मे भी दबाये, बेशक छोटे छोटे थे, मगर थे तो।

फिर मैंने डी की जीन्स के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाल कर उसकी फुद्दी को सहलाया। उसकी मज़ा आया, तो उसने भी मेरी स्कर्ट उठा कर मेरी पेंटी में हाथ डाल कर मेरी फुद्दी को मसला।

कुछ देर हम दोनों एक दूसरी के गुप्तांग को सहलाती रही। हम दोनों को इसमें बहुत मज़ा रहा था और दिल कर रहा था कि ये मज़ा कभी ख़त्म न हो।

मगर इतने में डी की मम्मी की आवाज़ आ गई कि चाय बन गई है। हम दोनों ने एकदम से अपने अपने हाथ निकाले, कंप्यूटर बंद किया और कपड़े सेट करके नीचे चाय पीने चली गई।

अगले दिन हमने क्लास में ये सारी बात डिस्कस की तो हम सभी 6 का प्रोग्राम बना कि किसी दिन सभी सहेलियाँ डी के घर जाएंगी और उसके कंप्यूटर पर फिर से वो सब देखेंगी।

फिर एक दिन मौका देख कर हम उस के घर इकट्ठी भी हुई मगर उस दिन पता नहीं क्या बात हुई, डी के कंप्यूटर पर कुछ भी न चला और हम सब बड़ी मायूस हो गई।

मगर करीब एक हफ्ते बाद हमें फिर मौका मिला, उस दिन डी के भाई का लैपटाप खुला मिल गया, और हम सभी 6 सहेलियों ने एक साथ बहुत सारी ब्लू फिल्में देखी। अब हम सब को पता था कि हमारे मम्मी पापा आपस में क्या करते हैं, हम कहाँ से और कैसे पैदा हुई और आगे जाकर हम भी जब बच्चे जनेंगी तो कैसे वो बच्चा हमारे पेट में आएगा।

कुछ दिन बाद ई ने मोबाइल फोन लिया. हालांकि वो फोन उसे सिर्फ घर के लिए ही मिला था मगर वो कभी कभी उसे स्कूल भी ले आती थी. और हम सभी फ्रेंड्स एक झुंड बना कर उस पर पॉर्न फिल्में देखती थी।

मगर अभी तक ऐसा कोई मौका नहीं आया था कि हम सब लेस्बीयन बन जाती। क्योंकि हमें अभी भी एक दूसरी से थोड़ी शर्म आती थी। हमारी शर्म उतरी अगली क्लास में जब हम सभी ने स्विमिंग क्लब जॉइन किया।

जब हम स्विमिंग करने के बाद सादे पानी से नहाने जाती, तो अक्सर एक साथ ही जाती और एक साथ ही नहाती।


एक साथ और एक दूसरी के सामने नहाने की वजह से हम सभी ने एक दूसरी को बिल्कुल नंगी देखा, और जब नंगी देखा तो एक दूसरी नंगी लड़की के जिस्म को छू कर भी देखा, कभी मज़ाक में तो कभी जान बूझ कर।
सब के मम्मे बड़े हो चले थे, सबकी झांट उग चुकी थी। जांघें मोटी, गोल, चिकनी हो गई थी।

जब शावर के नीचे हम सभी नंगी होकर नहाती, तो बेवजह एक दूसरी पर प्यार आता और अक्सर कोई न कोई एक दूसरी से किसिंग कर लेती या बांहों में भर के एक दूसरी को प्यार करती।
हमें इस सब में भी बहुत मज़ा आता।

बड़ी क्लास में आने के बाद एक एक करके सब के हाथ में मोबाइल फोन आ गया। अब सबके पास अपना पर्सनल मोबाइल फोन था। और मोबाइल फोन पर होता क्या था, एक दूसरी से ढेर सारी बातें और व्हाट्सऐप पर यहाँ वहाँ से ली हुई पॉर्न फिल्मों की अदला बदली। उसने मुझे भेजी, मैंने उसको, उसने उसको।

हर आने वाली नई वीडियो हमें तड़पा जाती, हम सब का दिल करता कि हमारा भी कोई बॉयफ्रेंड हो, जो हमारे नए नए जवान हो रहे जिस्म से खेले, हम भी उसका लंड चूसे, वो हमें चोदे, और हम भी ब्लू फिल्मों की हिरोइनों की तरह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ़्फ़, फक मी बेबी, फक मी … ” बोलते हुये शोर मचाएँ।

बेशक हमारे दोस्त तो बहुत थे मगर कोई भी हमारा बॉयफ्रेंड अभी तक नहीं बना था। जब भी हम सभी सहेलियाँ किसी वजह से एक दूसरी के घर इकट्ठी होती तो सब का एक ही अजेंडा होता- यार, बॉय फ्रेंड कैसे पटाएँ?

मगर एक दिन जब हम सब बी के घर उसके बर्थडे पर गई, तो सारे फंक्शन के बाद हम सब बैठी गप्पें लड़ा रही थी तो एफ ने हम सब से एक वीडियो शेअर की और बोली- अरे ओ, सुनो एक वीडियो भेज रही हूँ, देख कर बताओ, कैसी लगी, और इसके बारे में क्या विचार है?

जैसे ही वीडियो हम सब के व्हाट्सऐप पर आई, सबने डाउनलोड की और देखने लगी। ये एक लेसबियन वीडियो थी, मगर इस में खास बात ये थी कि इसमें 4 लड़कियां अंग्रेज़ और दो हब्शी थी। मतलब वो छः थी, और हम भी छह!
तो आइडिया ये था कि क्या हम सब को मिल कर ग्रुप सेक्स करना चाहिए।

सबने एक दूसरी की ओर देखा, अब किसिंग और हगिंग तो हम सब करती ही थी। एक दूसरी को अक्सर नंगी देखा था। देखने में भी हम सब गोरी चिट्टी, खूबसूरत, हॉट एंड सेक्सी थी।
तो फिर एक दूसरी की चूत चाटने में क्या दिक्कत थी! बस ज़रूरत थी, तो एक शुरुआत की।

और वो शुरुआत भी हमें एफ ने ही दी। उसने कहा- हम ऐसा करते हैं कि एक पार्टी प्लान करते हैं, अगला जिसका भी जन्मदिन आता है तो। फिर हम जाएंगी यहाँ से बाहर कहीं, बर्थडे सेलिब्रेट करने। और वहाँ पर हम एक न्यूड बर्थडे पार्टी करेंगी। सिर्फ हम 6 होंगी, और कोई नहीं, और सब आपस में नंगी होकर बर्थडे मनयेंगी।

पार्टी का आइडिया तो अच्छा था, मगर घर वालों से पूछना पड़ेगा.