पड़ोस वाली हॉट विडो भाभी-2

पड़ोस वाली हॉट विडो भाभी-2

बातों ही बातों में उन्होंने मेरे बारे में सब जान लिया.
फिर जैसे ही मैंने उनसे उनके बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि कोविड उनके ऊपर कहर बन कर आया था, जिसमें उनके हज़्बेंड, सास ससुर और उनके पेरेंट्स की मौत हो गई थी.

एक साथ इतनी सारी मौतों को लेकर कोविड ने उन्हें संकट में डाल दिया था और उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था.

भाभी यह सब बताती हुई उदास हो गई थीं तो मैंने तुरंत उनसे सॉरी बोला और मूड चेंज करने के नजरिए से बातें घुमा कर उस विषय से दूर हुआ.

कुछ ही देर में हमारी बातों का रुख सामान्य हो गया और देखते ही देखते 10 बज गए थे.

मुझे ऑफिस के लिए देरी हो रही थी.
तो मैंने भाभी से इजाज़त मांगी.

मैं भारी मन से वहां से अपने ऑफिस जा रहा था.
जाते जाते मैंने उनसे बोला कि अगर आपको बुरा ना लगे तो क्या हम दोनों वॉट’सएप पर कनेक्ट हो सकते हैं?

तो उन्होंने बोला- हां ठीक है, लेकिन रात तक मैं फ्री नहीं हो पाती हूँ क्योंकि मैं सरकारी बैंक में काम करती हूँ तो 6 बजे के बाद ही मैसेज के जवाब दे सकती हूँ.

यह कह कर भाभी ने अपना नंबर दे दिया.
मैंने तुरंत सेव करके हाय का मैसेज भेज दिया.
तो उन्होंने कातिल सी स्माइल के साथ बोला कि काफ़ी फास्ट हो आप!
मैंने भी आंखें सेंकते हुए स्माइल की और वहां से ऑफिस चला गया.

ऑफिस आकर मैं अपने काम में लग गया.
तकरीबन 2 बजे भाभी का मैसेज आया ‘हाय डियर, लंच हो गया?’

उन्होंने मुझे डियर लिखा तो मैं सोच में पड़ गया कि ऐसे क्यूँ पूछा उन्होंने? क्या मैं वाकयी उनका डियर बन गया हूँ?
खैर … मैंने एक पल सोचा और झट से रिप्लाई कर दिया- हां लंच हो गया … एण्ड वॉट अबॉउट यू ब्यूटी?
तो उन्होंने भी रिप्लाइ किया- यस!

और यस लिखने के बाद उन्होंने तो लास्ट में 3 बार रेड हार्ट वाला एमोजी भी सेंड कर दिया.
मैं भी सोच में पड़ गया कि 50% तो अपना काम हो गया.

कुछ दस मिनट तक तो मैं बस भाभी को ही सोचता रहा और उनके ऊपर टूटी विपत्तियों के पहाड़ का भी सोचता रहा.
फिर वापस अपने काम में लग गया.

शाम को आते वक़्त उनके घर की तरफ देखते हुए सीढ़ियां चढ़ने लगा.
लेकिन वे कहीं नहीं दिखीं.

शायद किचन में काम कर रही होंगी और मैं सर को झटकाता हुआ अपने घर चला आया.

उधर जल्दी से फ्रेश हुआ और चाय बनाने की सोच ही रहा था कि इतने में उन्होंने मैसेज करके पूछ लिया- हाय डियर, घर आ गए तुम?
तो मैं सोच में पड़ गया कि आज भाभी आप की जगह तुम लिख रही हैं!

मैंने जबाव दिया- हां, पर आपको कैसे पता चला!
तो उन्होंने बताया कि उन्होंने मुझे किचन में से आते हुए देखा था!

फिर भाभी ने डिनर का पूछा.
तो मैंने उनको बताया कि मैं खाना खाकर आया हूँ.
उन्होंने बताया कि वे अभी खाना खा रही हैं.

फिर उन्होंने मुझे रात को मैसेज के लिए बोला और ऑफलाइन हो गईं.
इधर मैं भी फ्रेश होकर दोस्तो से मिलने चला गया.

रात में मैं उन्हें मैसेज करने में जरा लेट हो गया और उनको रिप्लाई नहीं कर पाया.
तो उन्होंने गुडनाइट बोल कर गुस्से वाला एमोजी सेंड कर दिया और मैंने देखा ही नहीं.

फिर जैसे ही मैं घर पर आया और मोबाईल देखा तो मैंने रिप्लाई किया- सॉरी भाभी, मैं दोस्तों में उलझ गया था थोड़ा, इसलिए आपको मैसेज नहीं कर पाया.
उनका तुरंत रिप्लाई आया- इट’स ओके.

फिर थोड़ी देर बातचीत करके हम दोनों गुडनाइट बोल कर सो गए.
अब ये रुटीन हो गया था.

पांच दिन बाद शनिवार शाम को मैंने उन्हें कॉल किया और बोला- कल आपका छुट्टी का क्या प्लान है?
तो उन्होंने बोला- कुछ खास नहीं!

मैंने हिम्मत करके उन्हें बोल दिया- हम कहीं पर नाइट आउट के लिए चलें क्या?
मेरा मैसेज पढ़ कर वे ऑफलाइन हो गईं और मैं अपनी किस्मत को गाली देते हुए कोसने लगा.

फिर मैं काम में लग गया.
इतने में एक घंटा बीत गया और मैं वापस फोन की तरफ मायूसी से देखने लगा कि अब क्या करूं.

तभी उन्होंने मुझे कॉल करके बोला- रात को 9:30 बजे चलेंगे. तुम जल्दी घर आकर तैयार हो जाना और मुझे अपने घर के पास ऑटो स्टैन्ड से पिक कर लेना क्योंकि घर के पास लोग होंगे तो मैं जरा उनसे बचना चाहती हूँ!
मैंने खुशी के मारे थैंक्यू थैंक्यू बोल कर ओके बोल दिया और शाम होने का इंतजार करने लगा.

जैसे ही शाम के 6 बजे मैं ऑफिस से निकला और घर पहुंच कर तैयार होने लगा.
आज मुझे लग रहा था कि आज ज़रूर मुझे भाभी की चूत चोदने को मिलेगी.

मैंने बाथरूम में मुँह धोते समय अपने लंड के आस पास के जंगल को साफ किया और झांटों को डिजायन में काट कर छोटा छोटा कर लिया.
अब मैंने एक डीसेंट लुक अपना लिया और 8:30 को मैं तय किए हुए ऑटो स्टैन्ड पर पहुंच गया.

मैं भाभी के आने के इंतज़ार में स्मोकिंग करने लगा.
जैसे ही मैंने एक सिगरेट खत्म की और दूसरी जलाई, तब तक भाभी ने पीछे से आवाज़ दे दी और उन्होंने ही मेरे मुँह से सिगरेट हटा कर दूर फेंक दी.

वे मुझे डांटने लगीं.
लेकिन कमबख्त मेरी आंखें उनको ब्लैक कुर्ते और जीन्स में देखने में ही बिज़ी थीं.
भाभी इस ड्रेस में कयामत लग रही थीं.

उनको अपनी ओर देखते हुए मैं फटाफट होश में आया और उनको सॉरी बोल कर बाइक पर बैठने के लिए बोलने लगा.

जैसे भी वे बाइक पर बैठीं तो मेरे दोनों कंधों पर भाभी ने अपने हाथ रखे हुए थे और भाभी के मादक जिस्म का मादक अहसास मुझे मदमस्त करने लगा था.

हम दोनों चल दिए. बाइक के चलते ही रफ्तार पकड़ी तो उनके बूब्स मेरी पीठ पर धक्का देने लगे थे.
जैसे ही झटका सा लगा तो भाभी ने इस पर कुछ ज़्यादा मेहरबानी की.

वे थोड़ा आगे को आईं और मेरे साथ चिपक गईं. हम दोनों बातें करने लगे.

बात करते करते हम एक अच्छे से रेस्टोरेंट पर पहुंच गए जो बहुत ही अच्छा है और वहां पर ज़्यादातर कपल्स ही आते थे.

रेस्टोरेंट देख कर भाभी भी इंप्रेस हो गईं और मेरी तारीफ करते हुए बोलीं- चाय्स काफ़ी अच्छी है तुम्हारी!
मैंने कहा- इसी लिए तो आप मेरे साथ हो!

इस पर उन्होंने एक नॉटी स्माइल दी और हम दोनों टेबल पर पहुंच गए.

दोस्तो, Www इंडियन सेक्स कॉम कहानी के अगले भाग में आपको कविता भाभी की चुदाई की कहानी का मजा लिखूँगा.