हैलो फ्रेंड्स, मैं आपका जय … आपको अपनी सेक्स कहानी में पड़ोसन भाभी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
पड़ोस में आई नई भाभी से सेटिंग
में अब तक आपने जाना था कि मैं भाभी को साथ लेकर एक बढ़िया से रेस्टोरेंट में ले गया जिसे देख कर भाभी खुश हो गईं और मेरी पसंद की तारीफ करने लगीं.
अब आगे पड़ोसन जवान Xxx कहानी:
हम दोनों ने एक टेबल पर बैठ कर खाना ऑर्डर किया और इधर उधर की बातें करने लगे.
बीच बीच में मैं भाभी के मम्मे ताड़ने लगा जो कि उन्होंने झट से भांप लिया था लेकिन वे कुछ बोली नहीं, बस हंस दी!
जैसे ही हमने खाना खत्म किया और मैं बिल पे कर रहा था तो उन्होंने मुझे कसम दी और पे नहीं करने दिया.
उन्होंने खुद ही बिल पे किया और हम वहां से चल दिए.
हम लोग थोड़ा लॉंग ड्राइव करके एक बहुत ही रोमांटिक जगह पर आ गए.
यह अहमदाबाद में बहुत ही रोमांटिक जगह मानी जाती है, वहां पर ज़्यादातर कपल्स ही थे.
मैंने बाइक एक अच्छी सी जगह खड़ी की और हम दोनों बाइक के सहारे टिक कर बात करने लगे.
भाभी ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने मना कर दिया.
उन्होंने पूछा- क्यों?
तो मैंने उनको बताया कि कोई मिली ही नहीं अभी तक, पर अभी मिल गयी है ऐसा लग रहा है!
इस पर उन्होंने एक कातिल मुस्कान दी.
इतने में मैंने उनका हाथ पकड़ कर बोल दिया- आई लाइक यू!
तो उन्होंने करीब आकर धीरे से बोल दिया- सेम हियर, आई ऑल्सो लाइक योर कंपनी!
मैंने झट से उन्हें गाल पर किस कर दिया.
वे शर्मा गईं और कुछ बोली नहीं!
इतने में मेरा रूममेट, जो मेरा खास दोस्त है … उसका कॉल आया- आते टाइम डोलो लेते आना, मुझे बुखार और कोल्ड फील हो रहा है.
मैंने ओके कह कर फोन रखकर बोला- अब चलना चाहिए!
भाभी ने भी कहा- ठीक है, लेट’स गो … काफ़ी टाइम हो गया है!
हम दोनों वहां से निकल आए.
मैंने उनको शॉर्टकट से जाने के लिए पूछा और उन्होंने बोला- ठीक है!
मैंने शॉर्टकट से बाइक भगाई और उनको लेकर घर के पास वाले मेडिकल स्टोर पर बाइक रोक दी.
मुझे डोलो लेना थी पर मैंने शरारती टोन में उनसे पूछा- कुछ लाना है?
इतने में भाभी नॉटी स्माइल देकर बोलीं- तुम काफ़ी समझदार हो, जो ज़रूरी लगे … वह ले आना!
मैं उनका इशारा समझ गया और भागता हुआ मेडिकल स्टोर पर जाकर एक डोलो का पत्ता और एक स्ट्राबेरी फ्लेवर का कंडोम का पैक लेकर वापस आ गया.
कंडोम का पैकेट जेब में मोबाइल की तरह लग रहा था इसलिए भाभी समझ गईं.
वे मुझे ज़्यादा उत्तेजित करने के लिए मुझसे और ज्यादा चिपक कर बैठ गईं.
हम लोग बिल्डिंग के पास पहुंचने ही वाले थे कि उन्होंने मेरे कान में बोला- जय, तुम एक घंटा बाद मेरे घर पर आ जाना!
मेरी खुशी का तो कुछ ठिकाना ही नहीं रहा.
मैंने बाइक पार्क की और वह जल्दी से घर की तरफ बढ़ गईं.
मैं 5 मिनट खड़ा रहने के बाद निकला क्योंकि कोई देख ना ले.
मैं घर पहुंचा और अपने दोस्त को डोलो देकर उसका हाल जाना.
फिर फ्रेश होकर ना धोकर वाइल्ड स्टोन का पर्फ्यूम लगाकर तैयार हो गया.
मैंने भाभी को मैसेज किया- शुड आई कम हनी?
तो उन्होंने रिप्लाई दिया- प्लीज़ गिव मी सम मोर मिनट्स लव, आईंम अरेंजिंग सम सर्प्राइज़ फॉर यू!
दस मिनट के बाद जैसे ही भाभी का मैसेज आया- कम हरी, माय लव!
मैं भागता हुआ सीढ़ी तक गया और दबे पांव सीढ़ी उतरने लगा.
फिर जैसे ही मैंने भाभी से गेट खोलने के लिए कहा, उसी पल भाभी ने गेट खोल दिया.
ऐसा लगा मानो भाभी दरवाजे पर ही खड़ी थीं.
मैं भाभी के घर में अन्दर गया.
उन्होंने झट से गेट बंद कर दिया लेकिन कमरे में लाइट बंद थी.
तो मैं एक जगह खड़ा होकर घूमा और उतने में भाभी ने लाइट चालू कर दी.
जैसे ही लाइट चालू हुई, मैं भाभी को देखकर फ्रीज़ हो गया और कब उनके पास पहुंचा, कुछ पता ही नहीं चला.
भाभी एकदम हॉट माल लग रही थीं.
उन्होंने लाल रंग का वन पीस नाइट ड्रेस पहना था जो सिर्फ़ उनकी गांड तक आता था.
मैं हसीन भाभी को देख कर पागल हो गया और उनसे लिपट गया.
लिपटते ही उन्होंने मुझे जकड़ते हुए मेरे कान में बोला- लेट’स गो इन बेडरूम डार्लिंग!
मैंने उनकी मुलायम गांड के ऊपर हाथ रखकर उन्हें उठा लिया और गर्दन चाटते हुए मैं उन्हें बेडरूम में ले गया.
बेडरूम में भी अंधेरा था लेकिन भाभी के रूम से मस्त खुशबू आ रही थी.
उनके बदन से भी मादक महक पाकर मैं मदमस्त हो गया था.
उन्होंने कमरे की भी लाइट चालू की तो मैंने देखा कि पूरा रूम सजाया हुआ है. कमरे में लाल और सफेद गुब्बारे भरे पड़े थे और साथ में बेड पर गुलाब की पंखुड़ियां बिछाई हुई थीं.
यह सब देख कर मैं पागल हो गया और उन्हें ताबड़तोड़ किस करने लगा.
मैं भाभी को किस करते करते कपड़े निकालने लगा और जल्द ही हम दोनों पूरे नंगे हो गए.
मेरा लंड देख कर भाभी की आंखों में चमक आ गई और वे बहुत खुश हो गईं.
जैसे ही हम दोनों जरा अलग हुए, भाभी ने अपने हाथ से लंड को पकड़ कर सहलाया और धक्का देकर बेड पर गिरा दिया.
वे खुद भी मेरे ऊपर आकर बैठ गईं.
भाभी मुझ पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ीं, कभी वे किस करतीं, तो कभी पूरे बदन को चाटतीं, कभी निप्पल को काट देतीं.